Assalamualaikum wrwb

 

इस ग़मगीन माहौल में जहां हर तरफ हमारे अज़ीज़ इस दुनिया से जा रहे हैं, ऐसे में हमारा फ़र्ज़ है कि हम उनकी इसाले सवाब के लिए क़ुरआन और उनकी क़ज़ा नमाज़ ज़रूर पढ़ें जिससे उनकी आख़ेरत भी माशाल्लाह से बहुत अच्छी हो और वो मासूमीन अस के सदक़े में बेहतर जगह हो

अगर आप भी किसी मरहूम के इसाले सवाब के लिए क़ुरआन या क़ज़ा नमाज़ पढ़ाना चाहते हैं तो हमारी टीम माशाल्लाह से उनके लिए ये सब आमाल करेगी

जिसका आप चाहे अपनी गुंजाइश के मुताबिक हदिया दे सकते हैं, बस ये सोचिये हमने ज़िंदगी में जितना उनके लिए खर्च किया है उससे ज़्यादा सवाब अब उनके इसाले सवाब के करना है

 

नमाज़ के वहशत और सूरह फातिहा के लिए कोई हदिया नहीं है

 

अल्लाह किसी को कोई ग़म न दे सिवाए ग़म ए हुसैन अस के

 

 

ALLAH HUMA LA'AN QATLATAL AMEERUL MOMEENEEN AS